Menu
blogid : 17137 postid : 1298887

डर

रिमझिम फुहार
रिमझिम फुहार
  • 27 Posts
  • 59 Comments

डर

अतीत के अंधियारो

का कारवां

मिल रहा है अब भविष्य से

इक दरार पतली सी

दरमियाँ

झांकती जिससे

इक लकीर रौशनी सी

है समय रुका हुआ

यहीं अभी क्षण भर को

सदियाँ बिताने

चलने को आतुर सब

मगर घबराहट क्यू

क्यू छूटती सी जिंदगी लगे

सफर की शुरुआत से

विनय

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh